Alone Shayari In Hindi | अलोन शायरी

 तन्हाई और अकेलापन ऐसे एहसास हैं जो कभी-कभी इंसान को उसकी गहराइयों में ले जाते हैं। जब शब्द नहीं मिलते, तब अलोन शायरी वह माध्यम बनती है, जिससे हम अपने दिल की बात कह सकते हैं। यह शायरी न केवल अकेलेपन के दर्द को बयान करती है बल्कि उसमें छिपी गहरी भावनाओं को भी उजागर करती है।

अकेलापन हर किसी की जिंदगी में कभी न कभी आता है। ये वो पल होते हैं जब इंसान खुद से जुड़ने की कोशिश करता है। इस वक्त अलोन शायरी हमारे दिल का बोझ हल्का करती है और उन अनकहे शब्दों को सामने लाती है जो शायद हम किसी से साझा नहीं कर पाते।

अपने अकेलेपन को दूर करे हमारी यह Alone Shayari In Hindi के साथ. हमें पूरा यकीन है की आपको हमारी यह Alone Shayari In Hindi जरुर पसंद आएगी.Alone Shayari In Hindi अपने दोस्तों और चाहने वालो के साथ जरुर शेयर करे

Alone Shayari


Alone Shayari

अकेले रहने का अपना ही एक मजा है जिंदगी में
जिंदगी जीने का असली स्वाद तो यही देता है हमे।

खुदा से क्या मांगू तेरे वास्ते,
सदा खुशियाँ हो तेरे रास्ते,
हंसी तेरे चेहरे पे रहे इस तरह,
खुशबू फूलों का साथ निभाती है जिस तरह।

कोई तो समझे मेरा दर्द,
पर यहाँ हर कोई बना बैठा है खुदा।

आँखों में पानी रखो,
होंठों पे चिंगारी रखो,
जिंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो।

कभी-कभी अकेलेपन का दर्द,
सारी दुनियाँ के हँसने से भारी होता है।

कभी-कभी खुद की परछाई से डर लगता है,
कभी-कभी अकेले रहना भी अच्छा लगता है।

तेरा साथ न मिला तो अकेला हूँ,
तेरी यादें भी तेरे जैसा खामोश हैं।

जिंदगी के सफर में अकेले हैं हम,
किसी का भी साथ नहीं, बस दर्द है हमदम।

अकेलापन वो नहीं जो आप अकेले महसूस करते हैं,
अकेलापन वो है जब कोई आपके साथ होकर भी आपके बिना हो।

कभी तोड़ कर देख मुझे,
मैं खिलौना नहीं, जोड़ा हूँ।

अकेला हूं फिर भी खुश हूं,
क्योंकि कोई साथ हो और दर्द दे, वो मुझसे बर्दाश्त नहीं होता।

कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,
हजारो लोग है मगर कोई उस जैसा नहीं है!

आज इतना तनहा महसूस किया खुद को,
जैसे लोग दफना कर चले गए हो!

मै खुश था दीया होकर मुझे क्या पता था की,
मुझे हवा से महोब्बत हो जाएगी!

जानता पहले से था मै लेकिन एहसास अब हो रहा है,
अकेला तो बहुत समय से हूँ मैं पर महसूस अब हो रहा है!

कैसे गुजरती है मेरी हर एक शाम तुम्हारे बगैर,
अगर तुम देख ते तो कभी तनहा न छोड़ते मुझे!

 zindagi alone shayari

ज़िंदगी अकेली ही सही, मगर ख्वाबों का सहारा बहुत है।
अकेलेपन में भी, दिल को थोड़ा गवारा बहुत है।

वो भी क्या दिन थे जब सब साथ थे, अब तो बस तन्हाई ही अपनी साथी है।
जिंदगी से शिकायतें बहुत हैं, मगर अकेले जीने की आदत भी अब खास है।

खुद से मिलना भी ज़रूरी है, जब दुनिया से कोई रिश्ता नहीं रहता।
अकेलेपन में छुपे दर्द को महसूस कर, खुद का सहारा भी बड़ा सच्चा लगता है।

कभी-कभी खुद को खोना अच्छा लगता है,
तन्हाई के लम्हों में, खुद को ढूँढना अच्छा लगता है।

अकेले चलने का सफर आसान नहीं होता,
मगर तन्हाई में भी ज़िंदगी का एक अलग ही मज़ा होता है।

किसी का साथ नहीं मिला तो क्या, खुद का साथ तो है,
तन्हाई के इन रास्तों पर, अकेलेपन का भी अपना अंदाज़ है।

जब सब छोड़ गए, तब समझ में आया,
तन्हाई भी एक दोस्त है, जो कभी धोखा नहीं देता।

अकेले होने का एहसास बड़ा अजीब है,
मगर इसमें भी एक सुकून है, जो किसी के साथ में नहीं मिलता।

तन्हाई का सफर कठिन है, मगर खुद से मिलने का एक तरीका है,
अकेलेपन में खुद को समझने का एक नया रास्ता है।

खुद को अकेला पाकर, खुद से बातें करने का मज़ा ही कुछ और है,
ज़िंदगी का असली साथी, शायद खुद ही होता है।

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नसीब की बात है, कभी किस्मत चमक जाती है,
ज़िंदगी में क्या पता, कब हालात बदल जाते हैं।
अकेलेपन में ही सही, पर ख्वाब तो पूरे होते हैं,
नसीब के सहारे ही, जिंदगी के रास्ते तय होते हैं।

ज़िंदगी ने हर मोड़ पर हमें आज़माया है,
नसीब ने अक्सर ही हमें तन्हा पाया है।
अकेले चलते हुए, हमने खुद को संभाला है,
नसीब से ज्यादा, बस ज़िंदगी को अपनाया है।

नसीब की लकीरों में, जो लिखा है वो मिल जाएगा,
ज़िंदगी के सफर में, कुछ खोकर ही कुछ पाया जाएगा।
अकेलेपन की ये रातें भले लंबी हैं,
पर नसीब के हर फैसले को निभाया जाएगा।

ज़िंदगी की राहों में, कई मोड़ आएंगे,
नसीब के खेल में, हम फिर भी मुस्कुराएंगे।
अकेलेपन की इन रातों में, आसुओं के साथ,
नसीब के लिखे को कबूल कर जाएंगे।

नसीब को गिला नहीं, जो दिया वो कम नहीं,
ज़िंदगी की इस दौड़ में, कोई भी हमसफर नहीं।
अकेलेपन की इस राह में, बस खुद का ही साथ है,
नसीब के भरोसे, जीने का अपना ही हुनर है।

नसीब के लिखे को, किस्मत से क्या लड़ना है,
ज़िंदगी के इस सफर में, अकेले ही चलना है।
अकेलेपन की इस शाम में, तन्हाई का साथ है,
नसीब के हर मोड़ पर, खुद से ही बात है।

ज़िंदगी के सफर में, नसीब की हर बात मानी है,
अकेलेपन की हर घड़ी में, हमने खुद को पहचाना है।
नसीब ने जो भी दिया, खुशी से स्वीकार किया,
अकेले रहते हुए भी, ज़िंदगी को अपनाया है।

नसीब का खेल है, ज़िंदगी की किस्मत में,
अकेलेपन की ये राहें हमें मंज़ूर हैं।
खुदा ने जो भी लिखा, हमें कबूल है,
नसीब के इस सफर में, खुशियों का सफर है।

ज़िंदगी की राहों में, नसीब के ये फैसले हैं,
अकेलेपन की इन रातों में, हम खुद से प्यार करते हैं।
नसीब की लकीरों में, खुशियां भले कम हों,
पर ज़िंदगी के इस सफर में, खुद से साथ हैं।

नसीब ने रास्ते दिए, ज़िंदगी ने सपने लिए,
अकेलेपन की इस राह में, खुद को खोज लिया।
नसीब ने जो भी लिखा, हमने उसे माना,
अकेले ही ज़िंदगी में, खुद को साथ पाया।

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दर्द की कोई पहचान नहीं होती, अकेलेपन की कोई जुबान नहीं होती।
हर घड़ी जो गहराई से तड़पाए, वो मेरी किस्मत का अरमान नहीं होती।

तेरे बिना ये ज़िन्दगी अधूरी है,
तन्हाई में जीना, जैसे मंज़िल से दूरी है।
दर्द ऐसा कि आँखों में आँसू भी शर्माते हैं,
पर हर आंसू में तेरी ही तस्वीर नज़र आती है।

अकेलेपन की आदत सी हो गई है,
दर्द की नज़रों में मोहब्बत सी हो गई है।
ज़िन्दगी ने इतना तड़पाया है मुझे,
अब तो तन्हाई से भी दोस्ती सी हो गई है।

वो दर्द जो सीने में बसा है,
वो अकेलापन जो आँखों में बसा है।
न कोई हमदर्द, न कोई साथी,
बस ये ग़म का दरिया और मैं खुदा का बसा हूँ।

हर शख्स यहाँ दर्द में है,
पर कोई तन्हा नहीं, सब यहाँ भीड़ में हैं।
दर्द से दोस्ती कर ली मैंने,
अब हर ग़म में बस तेरा ही अक्स दिखाई देता है।

तन्हाई में हर पल यूं ही गुजरता है,
दर्द दिल में छुपा, हर ख्वाब टूटता है।
अकेलेपन का ये आलम है,
कि अब तो दिल से आवाज़ भी नहीं निकलती है।

वो दर्द जो मेरे दिल में है,
वो तन्हाई जो मेरे हिस्से में है।
कोई नहीं जो समझ सके मुझे,
बस एक तू है जो मेरे दिल के करीब है।

तन्हाई में जीना, अब तो आदत बन गई,
दर्द से रिश्ता ऐसा, जैसे ये मेरी किस्मत बन गई।
कोई नहीं जो समझ सके इस दिल को,
बस एक साया है जो हर पल साथ बन गई।

अकेलापन अब मेरे दिल का साथी बन गया,
दर्द ने हर खुशी को मुझसे छीन लिया।
अब तो हर लम्हा बस तन्हा गुज़रता है,
जैसे ज़िन्दगी में अब कोई खुशी ही नहीं बची है।

दर्द की गहराई में मैं डूबता चला गया,
तन्हाई के अंधेरों में मैं खोता चला गया।
कोई नहीं जो समझ सके इस दिल की हालत को,
अब तो ये ज़िन्दगी भी जैसे बोझ बनती जा रही है।

Alone Shayari In Hindi

तू उदास मत हुआ कर इन हजारो के बीच,
आखिर चाँद भी अकेला रहता है सितारों के बिच.

उस मुकाम पे आ गई है ज़िन्दगी जंहा,
मुझे कुछ चीज़े पसंद तो है पर चाहिए कुछ नहीं!

अकेले आने और अकेले जाने के बिच अकेले जीना
सीखना ही जिंदगी है!

जिंदगी में इन्सान उस वक्त टूट जाता है,
जब सब कुछ पास होकर भी वह अकेला रह जाता है!

अकेले एक जगह पर बैठने का भी एक अलग ही एहसास होता है,
यहाँ सोचने का एक सुनहरा मौक़ा मिलता है!

Alone Shayari 2 Lines

अधूरे चांद से फरियाद तो करता होगा,
वो मुझे ज्यादा नहीं पर याद तो करता होगा!

हालात खराब हो तो अपने ही,
गैरो के जैसा बर्ताव करने लगते है!

किसके साथ चलूं किसकी हो जाऊं,
बेहतर है अकेली रहूँ और तनहा हो जाऊं!

जिनकी मोहब्बत सच्ची होती है,
उनके नसीब में दर्द ही लिखा होता है!

ख़ामोश चेहरे पर लाखों पहरे होते हैं,
हंसती हुई आंखों में जख्म बड़े गहरे होते हैं!

Alone Shayari 2 Lines

मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है,
मैं पत्थर हूँ, मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है!

अधूरे चांद से फरियाद तो करता होगा,
वो मुझे ज्यादा नहीं पर याद तो करता होगा!

अकेले ही सहना अकेले ही रहना होता है,
अकेलेपन का हर एक आँसू अकेले ही पीना होता है!

बहुत मजबूत होते है वो लोग जो,
अकेले में सबसे छुप कर रोते हैं!

महफिले तो हजारों मिल जाएगी,
लेकिन तुमसे न मिला तो मैं अकेला हुं!

हर वक़्त का हँसना तुझे बर्बाद ना कर दे,
​तन्हाई के लम्हों में कभी रो भी लिया कर!

कुदरत के इन हसीन नजारों का हम क्या करें,
तुम साथ नहीं तो इन चाँद सितारों का क्या करें!

इन्सान की आदत है ना मिले तो सब्र नहीं करता,
और मिल जाए तो कद्र नहीं करता!

अकेलेपन का दर्द दिल में छुपा रहता है,
किसी से कह न सका खुद को अकेला पाता है!

सच कहा था किसी ने तन्हाई में जीना सीख लो,
मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है!

Alone Shayari 2 Lines In Hindi

तुझसे दूर जाने के बाद तन्हा तो हूँ लेकिन,
तसल्ली बस इतनी सी है अब कोई फरेब साथ नहीं!

दिल में जो है, वो सब सच बता देता हूं,
किस्मत खराब इतनी, जिसको चाहता हूं उसी को गंवा देता हूं!

अकेले रहना एक नशा है,
ये नशा करना सबके बस की बात नही है!

अकेलेपन में तेरी यादें बिछाकर रोता हूँ,
दिल की गहराइयों में तेरी बातें छुपाकर रोता हूँ!

वहां से बिगड़ी है ज़िंदगी मेरी,
जहाँ से साथ तुमने छोड़ा था!

Alone Sad Shayari In Hindi

पहले तुम साथ थे तो चलते थे मेरे पैर,
अब तन्हा होकर तो बस लड़खड़ाते है!

न ढूंढ मेरा किरदार दुनिया की भीड़ में,
वफादार तो हमेशा तन्हा ही मिलते हैं!

एक खासियत यह भी तो है हमारी,
कि हम किसी के खास नहीं!

मीठी सी खुशबू में रहते है गुमसुम,
अपने अहसास से बाँट लो तन्हाई मेरी!

तरसेगा जब तेरा दिल मुझसे मिलने को,
तब हम तेरे ख्यालों में तो क्या इस दुनिया में भी नही होंगे!

Alone Sad Shayari In Hindi

अकेला रोता छोड़ गया वो इंसान भी मुझे,
जो कल तक कहता था रोना मत तुम्हे मेरी कसम!

एक तुम ही तो थे जिसके दम पर मैं साँसें ले रहा था,
लौट आओ जिंदगी में वफा पूरी नहीं होती!

अकेलेपन में तेरी यादें बिछाकर रोता हूँ,
दिल की गहराइयों में तेरी बातें छुपाकर रोता हूँ!

मेरा दिल क्या तोड़ा तुमने,
मेरी हिम्मत भी कभी जुड़ ना पाई!

काश तू समझ सकती मोहब्बत के उसूलों को,
किसी की साँसों में समाकर उसे तन्हा नहीं करते!

Alone Shayari Girl

अकेली हूँ पर मुस्कुराती बहुत हूँ,
खुद का साथ बड़ी शिद्दत से दे रही हूँ!

चांद जैसी फितरत है मेरी वो आसमां में अकेला है,
मैं इस जहाँ में अकेली हूँ!

तेरे पास मेरी यादों का मेला रहेगा,
भीड़ में रहकर भी तू अकेला रहेगा!

मेरी आँखों में देख आकर हसरतों के नक्श,
ख्वाबों में भी तेरे मिलने की फरियाद करते है!

कहीं जीत तो कहीं हार के निशान हैं,
कौन जाने, हम कितने दिन के मेहमान हैं!

मुझको मेरे अकेलेपन से अब शिकायत नहीं है,
मैं पत्थर हूँ मुझे खुद से भी मुहब्बत नहीं है!

जिंदगी में अकेले खुश रहना सीखो क्योंकि,
साथ तो जिंदगी भी छोड़ देती है फिर इंसान क्या चीज है!

अकेली हूँ तन्हाई के साथ,
बीतता है ये जिंदगी का सफर,ख्वाबों के साथ!

खुद को खोकर मिले थे तुम,
मगर तुमको खोकर मैं नहीं मिल पा रही हूं!

वो मन बना चुके थे हमे छोड़ जाने का,
किस्मत तो सिर्फ उनके लिए एक बहाना था!

Alone Shayari अकेलेपन की आवाज़ है। यह शब्दों के माध्यम से उन भावनाओं को व्यक्त करती है, जिन्हें शायद हम किसी से नहीं कह पाते। इसलिए, जब भी तन्हाई आपको घेर ले, अलोन शायरी की कुछ लाइनों को पढ़ें या खुद लिखें और अपने दिल को हल्का करें। शायरी का यह रूप न केवल आपके अकेलेपन को समझता है बल्कि आपको उससे उबरने में भी मदद करता है।

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